[ Featuring Udit Narayan ]
सोचा तुम्हे खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरती हूँ
सोचा तुम्हे खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरती हूँ
तुम खत को पढ़ ना पाओगे
इस खत को फाड़ डालोगे
सोचा तुम्हे खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरता हूँ
रूठूँगी मैं तुम मनाओगे
रूठोगे तुम मैं मनाऊंगी
उम्र जो थोड़ी सी बाकी है
आसुओ में बीत जाएगी
इतनी फुरसत तो ए मेरी जां
जान देकर भी ना पाऊँगी
सोचा तुमसे आ के मिलू
पर मन ही मन मैं डरती हूँ
सोचा telephone करूँ
पर मन ही मन मैं डरता हूँ
मेरी आवाज़ को सुनकर
Hello तुम कह ना पाओगी
सोचा telephone करूँ
पर मन ही मन मैं डरता हूँ
पहले मैं मरने से डरता था
तुमने जीना मुझको सिखलाया
तुम आई तो सुने जीवन में
जैसे कोई चाँद निकल आया
हाय ये खिलता पागलपन
हर खुशी को मैंने ठुकराया
सोचा तुमसे आ कर मिलू
पर मन ही मन मैं डरता हूँ
सोचा तुम्हे खत लिखूं
पर मन ही मन मैं डरती हूँ
तुम खत को पढ़ ना पाओगे
इस खत को फाड़ डालोगे
सोचा telephone करूँ
पर मन ही मन मैं डरता हूँ