रात की ख़ामोशी में,
चाँदनी के नीचे,
मुझे तुम्हारी उपस्थिति महसूस होती है,
पवित्र, मौन सुर में।
राधा रानी, राधा रानी,
वृंदावन की दिव्य ज्योति,
तुम्हारे अनुग्रह से हमें शांति मिलती है,
तुम्हारे प्यार में हमें हमारा ठिकाना मिलता है।
ॐ वृषभानुजाय विद्महे,
कृष्णप्रियाय धीमहि,
तन्नो राधा प्रचोदयात्॥
हवा की फुसफुसाहट में,
पत्तों की सरसराहट में,
तुम्हारा नाम एक राग की तरह है,
जो मेरी आत्मा को शांति देता है।
राधा रानी, राधा रानी,
वृंदावन की दिव्य ज्योति,
तुम्हारे अनुग्रह से हमें शांति मिलती है,
तुम्हारे प्यार में हमें हमारा ठिकाना मिलता है।
ॐ वृषभानुजाय विद्महे,
कृष्णप्रियाय धीमहि,
तन्नो राधा प्रचोदयात्॥
राधा रानी, हमारे दिलों का मार्गदर्शन करें,
शुद्ध भक्ति के रास्ते पर,
तुम्हारा प्यार, एक कोमल चमक,
हमें दिव्य भावना की ओर ले जाता है।
हर जप, हर प्रार्थना के साथ,
हम तुम्हारा पवित्र स्पर्श महसूस करते हैं,
तुम्हारी रोशनी में, हमें अपना रास्ता मिलता है,
हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।
राधा रानी, राधा रानी,
वृंदावन की दिव्य ज्योति,
तुम्हारे अनुग्रह से हमें शांति मिलती है,
तुम्हारे प्यार में हमें हमारा ठिकाना मिलता है।
ॐ वृषभानुजाय विद्महे,
कृष्णप्रियाय धीमहि,
तन्नो राधा प्रचोदयात्॥
राधा रानी, राधा रानी,
तुम्हारा नाम हम धीरे से गाते हैं,
तुम्हारे प्यार से, हम स्वतंत्र हैं,
तुम्हारी रोशनी में, हमें सब कुछ मिलता है।
ॐ वृषभानुजाय विद्महे,
कृष्णप्रियाय धीमहि,
तन्नो राधा प्रचोदयात्॥