लिखे हैं नज़्म नही लिखी कहानी थी
जो भी लिखा है मैने तुझे सुनानी थी
कैसे बताऊ में, तुझे में चाहता था
आशिक़ में तेरा तू किसी और की दीवानी थी
कैसे ना बोलूं ख्वाबों में भी तुझे पाता हूँ
झूठ ना बोलूं ख्वाब में भी मुस्कुराता हूँ
लिखता हूँ मेरे हर शब्द तेरे बारे में
आँखें है गीली पर आँसू ना दिखता हूँ
दिख गया सब को तेरी आँखें जाने क्यूँ है बंद
जाने क्यूँ ऐसी तू जाने क्यूँ है घमंड
जानता हूँ थोड़ा में हो गया हूँ rude
पत्थर दिल तेरा, मेरा दिल गया है टूट
कैसे मैं बोलूं तुझे कैसे में बताऊ
करता हूँ प्यार ये कैसे मई जताऊ
कैसे में बताऊ बिन तेरे अधूरा हूँ
पागल सा हो गया हूँ कैसे में दिखाऊ
क्या ये जादू है तेरा होता है अहसास
दूर ही रहना है तो क्यूँ आती है इतने पास
कैसे जियूंगा में कैसे में ले लू साँस
तेरे बारे में लिखूं काँपते क्यूँ ये हाथ
वो बोले बदला में कैसे मूह दिखाऊंगा
चाहे हो आख़िरी साँस फिर भी तुझको चाहूँगा
झूठे हैं सारे दोस्त जो भी तेरे साथ हैं
तू मेरी जान ले में फिर भी ये बताऊंगा
तू मेरी जान ले में फिर भी ये बताऊंगा
चाहे हो आख़िरी साँस फिर भी तुझको चाहूँगा
तू मेरी जान ले में फिर भी ये बताऊंगा
चाहे हो आख़िरी साँस फिर भी तुझको चाहूँगा
जी कर यूँ फायेदा क्या
अगर कोई साथ ना हो
जिसके बिन रह नही सकते
उससे ही बात ना हो
आँखों में आँसू ना हो
ऐसी कोई रात नही है
मार गया प्यार या फिर
तुझमे ही जज़्बात नही है
बयान में क्या क्यूँ किन हालातों में आ गिरा हूँ
कैसी है हालत मेरी कैसे में खुद को ढूंडू
पाया नही है फिर भी खोने के दर से डरता हूँ
कैसे बतौन में घुट घुट के क्यूँ मरता हूँ
दोस्ती नही मुझे तुझसे चाहिए आशिक़ी
हाल देखा है तूने क्या है तेरे आशिकी
कैसे में ख़त्म हो रहा हूँ तेरी यादों में
कैसे तू बस रही है मेरे हर अल्फाज़ों में
कैसे तू बस रही है मेरे हर अल्फाज़ों में
कैसे में ख़त्म हो रहा हूँ तेरी यादों में
कैसे तू बस रही है मेरे यादों में
कैसे तू बस रही है मेरे यादों में
कैसे में ख़त्म हो रहा हूँ तेरी यादों में
कैसे तू बस रही है इन अल्फाज़ों में
कैसे में ख़त्म हो रहा हूँ तेरी यादों में
कैसे तू बस रही है इन अल्फाज़ों में
कैसे में ख़त्म हो रहा हूँ तेरी यादों में
कैसे तू बस रही है इन अल्फाज़ों में
कैसे में ख़त्म हो रहा हूँ तेरी यादों में
कैसे तू बस रही है इन अल्फाज़ों में