मैं यूँ तनहा यहाँ
तू भी तनहा कहीं
लब्स कह न सकी
मेरी दीवानगी
यु तो ना दे मुझको तू सजा रे
रुक ना जाएं सांसें बिन तुम्हारे
ऐसे मेरे साये में बस जागे
साथ ना छूटे गर यह दिन ढल जाये
मैं यूँ तनहा यहाँ
तू भी तनहा कहीं
लब्स कह न सकी
मेरी दीवानगी
कहँने को तोः रास्ते हैं कहीं
पर मेरी मंज़िल तुझपे जा रुकी
तू ही बता दे जाऊं तो कहाँ
रग रग में बहती हो लहू की तरह
दिल में मेरे तुम ऐसे बसी हो
जैसे की कोई दुआ
बिन तेरे ना देखूं मैं सवेरा
धूप भी निकले तोः लगे अँधेरा
राहें भी अब राह देखें तेरा
हूँ मैं तनहा भीड़ में अकेला
मैं यूँ तनहा यहाँ
तू भी तनहा कहीं
लब्स कह न सकी
मेरी दीवानगी
ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह ओह