दमकी डरावे दामिनी आवे झंझावान
ओट नही आशय नही सिर पर है बरसात
नही मिथिला नही अवधपुर नही अपनो का संग
जीवन तेरे चित्र के बिखर गये सब रंग
हर कोई है यहा बस पर नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
हर कोई है यहा बस पर नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
कोई ना जाने जीवन के किस मोड़ पे कब क्या होना
हर कोई है यहा बस पर नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
मन यादो का झूला झूले
बीता कल एक पल ना भूले
पुष्प वाटिका का वह परिचय
दृष्टि मिलन हृदयो का विनीमय