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Ravindra Jain - Shyam Tere Kaam Bade Achraj Bhare [3] Lyrics

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Ravindra Jain - Shyam Tere Kaam Bade Achraj Bhare [3] Lyrics
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श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
अरे श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
कृष्ण गोपाल गोविन्द माधव हरे
कृष्ण गोपाल गोविन्द माधव हरे
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
ओ श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
की बालरूप मे माखनलीला भक्तों का हृदय रिझाने को
छछिया भर छाछ पे नाच उठे ममता का मोल चुकाने को
बरसानेवाली राधा से मन बाँधा रस बरसाने को
दो अमर प्रेमी धरती पे मिले यहाँ प्रेम की ज्योत जगाने को

एक जसोडा को फूल गुलाबी
एक जसोडा को फूल गुलाबी
इक बशभान की काची कली

मनमोहना लला मनभावनी लली
हो मनमोहना लला रे मनभावनी लली
इक माखन हो इक माखन इक मिसरी की गली
मनमोहना लला मनभावनी लली
हो मनमोहना लला रे मनभावनी लली

कोई ना जाने कोई ना बुझे
कोई ना जाने कोई ना बुझे

इनमे कबकि प्रीत पली
मनमोहना लला मनभावनी लली
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श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
अरे श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
कृष्ण गोपाल गोविन्द माधव हरे
कृष्ण गोपाल गोविन्द माधव हरे
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
ओ श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
की बालरूप मे माखनलीला भक्तों का हृदय रिझाने को
छछिया भर छाछ पे नाच उठे ममता का मोल चुकाने को
बरसानेवाली राधा से मन बाँधा रस बरसाने को
दो अमर प्रेमी धरती पे मिले यहाँ प्रेम की ज्योत जगाने को

एक जसोडा को फूल गुलाबी
एक जसोडा को फूल गुलाबी
इक बशभान की काची कली

मनमोहना लला मनभावनी लली
हो मनमोहना लला रे मनभावनी लली
इक माखन हो इक माखन इक मिसरी की गली
मनमोहना लला मनभावनी लली
हो मनमोहना लला रे मनभावनी लली

कोई ना जाने कोई ना बुझे
कोई ना जाने कोई ना बुझे

इनमे कबकि प्रीत पली
मनमोहना लला मनभावनी लली
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Writer: P. Jayachandran
Copyright: Lyrics © Divo TV Private Limited, Sony/ATV Music Publishing LLC
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