मैंने तो धीरे से नींदों के धागे से
बाँधा है ख्वाब को तेरे
मैं ना जहां चाहूँ ना आसमान चाहूँ
आजा हिस्से में तू मेरे
तू ढंग चाहतों का
मैं जैसे कोई नादानी
तू ढंग चाहतों का
मैं जैसे कोई नादानी
मुझे खुद से जोड़ दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शरबतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शरबतों का
तू मीठे घाट का पानी
तू रंग चाहतों का
मैं जैसे कोई नादानी
तू रंग चाहतों का
मैं जैसे कोई नादानी
मुझे खुद से जोड़ दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शरबतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शरबतों का
तू मीठे घाट का पानी