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Rupak Mehta - Sun Mere Bandhu Re Sun Mere Mitwa Lyrics



Rupak Mehta - Sun Mere Bandhu Re Sun Mere Mitwa Lyrics
Official




सुन मेरे बंधू रे
सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे

होता तू पीपल मैं
होती अमर लता तेरी
होता तू पीपल मैं
होती अमर लता तेरी
तेरे गले माला बन
के पड़ी मुसकाती रे
सुन मेरे साथी रे
सुन मेरे बंधू रे
सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे

दिया कहे तू सागर मैं
होती तेरी नदिया
दिया कहे तू सागर मैं
होती तेरी नदिया
लहर बहर कर तू अपने
पीया चमन जाती रे
सुन मेरे साथी रे
सुन मेरे बंधू रे
सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे
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सुन मेरे बंधू रे
सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे

होता तू पीपल मैं
होती अमर लता तेरी
होता तू पीपल मैं
होती अमर लता तेरी
तेरे गले माला बन
के पड़ी मुसकाती रे
सुन मेरे साथी रे
सुन मेरे बंधू रे
सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे

दिया कहे तू सागर मैं
होती तेरी नदिया
दिया कहे तू सागर मैं
होती तेरी नदिया
लहर बहर कर तू अपने
पीया चमन जाती रे
सुन मेरे साथी रे
सुन मेरे बंधू रे
सुन मेरे मितवा
सुन मेरे साथी रे
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Writer: MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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