[ Featuring Mohammed Aziz ]
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया हो
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया
साथ मे तेरे दिन जो गुज़रे
ढूंड रही है उनको निगाहे
जहा मिलते थे हम तुम दोनो
सुनी सुनी है वो राहें
कैसे गुज़रेगी ये ज़िंदगी
ज़रा तुम भी ये सोचो कभी ओ
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
तेरा मिलना मिल के बिछड़ना
हर पल मुझको तडपाएगा
याद मे तेरी ये दिल मेरा
आसू बनके बह जाएगा
ये दर्दे जुदाई का ग़म
मुझको जीने ना देगा सनम ओ
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया ओ
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
दिल की जो मानु तो जग रूठ जाए
जग की जो मानु तो जान चली जाए
ना दिल माने ना दुनिया
ना दिल माने ना दुनिया