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Sadhana Sargam - Dulhan Koi Jab Lyrics



Sadhana Sargam - Dulhan Koi Jab Lyrics
Official




दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मयके की यादें भूलाती है मेहँदी
दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी
निगाहों में जितने है सपने कँवरे
सभी को सुहागन बनाती है मेहँदी

दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी

सभी बेटियां किसी की अमानत
यही रीत दुनिया में सब ने निभायी
पति और पत्नी के पावन मिलान की
ये मेहँदी हमेसा बनी है गवाही

सभी जोडिया आसमा पर है बनती
जमी पे उन्ही को मिलाती है मेहँदी
दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी

वो दहलीज रूठी वो ऑंगन भी छूटा
जहां से जन्मा और जाना था मैंने
वो डाली के जिस से मै उड़के गयी थी
वहा लौट कर तो ना आना था मैंने
हसाती है मेहँदी रुलाती है मेहँदी
बनाती है मेहँदी मिटाती है मेहँदी
बनाती है मेहँदी मिटाती है मेहँदी

नी रे सा नी ग
प म रे सा नी
आ आ आ आ आ

ये रिश्ते है रेशम के धागो के जैसे
इन्हे जैसे बांधो बधेंगे वैसे
करो दुर हर फासले का अँधेरा
जहा खुल गयी आँख समझो सवेरा
गीले और शिकवे मिटाती है मेहँदी
ये बिछडे हुओ को मिलाती है मेहँदी
गीले और शिकवे मिटाती है मेहँदी
ये बिछडे हुओ को मिलाती है मेहँदी
ये बिछडे हुओ को मिलाती है मेहँदी

आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
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दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मयके की यादें भूलाती है मेहँदी
दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी
निगाहों में जितने है सपने कँवरे
सभी को सुहागन बनाती है मेहँदी

दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी

सभी बेटियां किसी की अमानत
यही रीत दुनिया में सब ने निभायी
पति और पत्नी के पावन मिलान की
ये मेहँदी हमेसा बनी है गवाही

सभी जोडिया आसमा पर है बनती
जमी पे उन्ही को मिलाती है मेहँदी
दुल्हन कोई जब जब रचाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी
तो मायके की यादें भूलाती है मेहँदी

वो दहलीज रूठी वो ऑंगन भी छूटा
जहां से जन्मा और जाना था मैंने
वो डाली के जिस से मै उड़के गयी थी
वहा लौट कर तो ना आना था मैंने
हसाती है मेहँदी रुलाती है मेहँदी
बनाती है मेहँदी मिटाती है मेहँदी
बनाती है मेहँदी मिटाती है मेहँदी

नी रे सा नी ग
प म रे सा नी
आ आ आ आ आ

ये रिश्ते है रेशम के धागो के जैसे
इन्हे जैसे बांधो बधेंगे वैसे
करो दुर हर फासले का अँधेरा
जहा खुल गयी आँख समझो सवेरा
गीले और शिकवे मिटाती है मेहँदी
ये बिछडे हुओ को मिलाती है मेहँदी
गीले और शिकवे मिटाती है मेहँदी
ये बिछडे हुओ को मिलाती है मेहँदी
ये बिछडे हुओ को मिलाती है मेहँदी

आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Rani Malik
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Shemaroo Entertainment Limited




Sadhana Sargam - Dulhan Koi Jab Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Sadhana Sargam
Length: 4:15
Written by: Rani Malik

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