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Shabbir Kumar - Aag Ka Gola Lyrics

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Shabbir Kumar - Aag Ka Gola Lyrics
Official




जो अंगरो पर चलता है
जो अपनी आग मे जलता हे
बनते बनते एक दिन वो इंसान बन जाता है
आग का गोला

आग का गोला
आग का गोला

आग का गोला

जो जुल सितम के अंधेरो से एक सूरज बनकर उभरता है
वो खुद को जलाकर औरो के जीवन मे उजाला करता हे ह ह ह ह ह ह

हर गम का जहर जो पिता हे
हर हाल मे हस के जीता है
बनते बनते एक दिन वो इंसान बन जाता है
आग का गोला

आग का गोला
आग का गोला

आग का गोला
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जो अंगरो पर चलता है
जो अपनी आग मे जलता हे
बनते बनते एक दिन वो इंसान बन जाता है
आग का गोला

आग का गोला
आग का गोला

आग का गोला

जो जुल सितम के अंधेरो से एक सूरज बनकर उभरता है
वो खुद को जलाकर औरो के जीवन मे उजाला करता हे ह ह ह ह ह ह

हर गम का जहर जो पिता हे
हर हाल मे हस के जीता है
बनते बनते एक दिन वो इंसान बन जाता है
आग का गोला

आग का गोला
आग का गोला

आग का गोला
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANJAAN, BAPPI LAHIRI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind




Shabbir Kumar - Aag Ka Gola Video
(Here for Video at the top of page)


Performed By: Shabbir Kumar
Length: 2:46
Written by: ANJAAN, BAPPI LAHIRI

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