Back to Top

Mann Tu Video (MV)




Performed By: Sonu Nigam
Featuring: Drums Shivamani
Length: 5:58
Written by: Abhishek Brahmachari


theme

Sonu Nigam - Mann Tu Lyrics
Official




[ Featuring Drums Shivamani ]

मन तू मान जा
काहे माने ना

मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
तेरे पैरों मे बांध कस कर के तांथ
काहे उड़ता फिरे पतंगो सा
कभी पानी मे बह के बूंदों मे रह के
घुलता रहे तू रंगो सा
मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना

जिंदगी की पटरियों पे
जिंदगी की पटरियों पे रेल सा दौड़ता है
खेल बन के आप अपने खेल सा खेलता है
तूने आँखों के अपने गुल्लख मे कितने सपने जुटा के रखे है
और कान्धो पे कैसे ख्वाबों से भर के बस्ते उठा के रखे है
रे तू भोला है कितना बच्चो सा जिद करता है रूठ जाता है

होरे मन काहे जबरन
होरे मन काहे जबरन तू ज़ोर लगाता है
होरे मन काहे खामखाँ तू शोर मचाता है
तू ना जाने क्यू रे ना माने ना क्यू रे
टूटा तितली के पंखों सा तुझे जी भर सताया
अरे काट खाया अपनो ने हर एक डंकों सा
रे तू भोला है कितना बच्चो सा
जिद करता है रूठ जाता है

तू बनके गधारी आशाओ की
तू बनके गधारी आशाओ की
बढ़ता ही रहता ढलानो पे
भर के कुलाइची ना देखे पीछे
चढ़ता ही रहता चढ़ांनो पे
तूने बाँधी जो आश् ओर जो ली हे साश
गुब्बारे सी फुट सकती है
थोड़ी बातें बना के गप्पे खिला के
तुझे दुनिया तुझे लूट सकती है
रे तू भोला है कितना बच्चो सा
जिद करता है रूठ जाता है
मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




मन तू मान जा
काहे माने ना

मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
तेरे पैरों मे बांध कस कर के तांथ
काहे उड़ता फिरे पतंगो सा
कभी पानी मे बह के बूंदों मे रह के
घुलता रहे तू रंगो सा
मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना

जिंदगी की पटरियों पे
जिंदगी की पटरियों पे रेल सा दौड़ता है
खेल बन के आप अपने खेल सा खेलता है
तूने आँखों के अपने गुल्लख मे कितने सपने जुटा के रखे है
और कान्धो पे कैसे ख्वाबों से भर के बस्ते उठा के रखे है
रे तू भोला है कितना बच्चो सा जिद करता है रूठ जाता है

होरे मन काहे जबरन
होरे मन काहे जबरन तू ज़ोर लगाता है
होरे मन काहे खामखाँ तू शोर मचाता है
तू ना जाने क्यू रे ना माने ना क्यू रे
टूटा तितली के पंखों सा तुझे जी भर सताया
अरे काट खाया अपनो ने हर एक डंकों सा
रे तू भोला है कितना बच्चो सा
जिद करता है रूठ जाता है

तू बनके गधारी आशाओ की
तू बनके गधारी आशाओ की
बढ़ता ही रहता ढलानो पे
भर के कुलाइची ना देखे पीछे
चढ़ता ही रहता चढ़ांनो पे
तूने बाँधी जो आश् ओर जो ली हे साश
गुब्बारे सी फुट सकती है
थोड़ी बातें बना के गप्पे खिला के
तुझे दुनिया तुझे लूट सकती है
रे तू भोला है कितना बच्चो सा
जिद करता है रूठ जाता है
मन तू मान जा
काहे माने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
रे तो जग की जलन काहे जाने ना
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Abhishek Brahmachari
Copyright: Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC
LyricFind

Back to: Sonu Nigam

Tags:
No tags yet