ये रोग दिल को लगा के
ऐसे कहाँ खो गई तू
दो दिन ये सपने दिखाके
गुम यूँ कहाँ हो गई तू
ये रोग दिल को लगा के
ऐसे कहाँ खो गई तू
दो दिन ये सपने दिखाके
गुम यूँ कहाँ हो गई तू
पास तू नहीं तो ज़िंदगी उदास है
आज भी अधूरी वो मिलन की आस है
हर घड़ी नज़र को बस तेरी तलाश है
जब से मिले नैना
तुझसे मिले नैना
तड़प-तड़प दिन बीते
और जागी-जागी रैना
सजनी, ओ सजनी
सजनी, ओ सजनी