तेरे आगोश में समेट के यह जहाँ
तेरे आगोश में समेट के यह जहाँ
की गुमनामियत का ख़ौफ़ है अब कहाँ
के रूल भी गये तो मदहोश है हम यहाँ
तेरे आगोश में लपेट के यह जहाँ
तेरे आगोश में लपेट के यह जहाँ
सैकड़ो लफ्ज़ है पर कर ना पाए बयान
कितने महफूज़ है तेरी बाहूं के दरमियाँ
तेरे आगोश में लपेट के यह जहाँ
कही जाने की रट हमें ना हो
फ़र्ज़ो की हमें फिकर ना हो
ह्म ह्म ह्म् म्म्म ह्म् म्म्म
झूमते है जो ख्वाब उनको झूलने दो
तेरे आगोश में सवेर के यह जहाँ
तेरे आगोश में सवेर के यह जहाँ
की गुमनमियत का ख़ौफ़ है अब कहाँ
के रूल भी गये तो मदहोश है हम यहाँ
तेरे आगोश में बिखेर ले यह जहाँ
आगोश में बिखेर ले यह जहाँ