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Sudeep - Anjaani 2015 Lyrics



Sudeep - Anjaani 2015 Lyrics
Official




तू आगाज़ है रात की
या सुबह की तू है रौशनी

आँखों में था चेहरा तेरा
जाने न कब से बसा
दिल को करे क्यों गुमराह
ये क्या साज़िशें हैं भला
तू आगाज़ है रात की
या सुबह की तू है रौशनी
शामो सी क्यूँ है बता
तू आधी अधूरी रही
ओ अन्जानी ई ई ई ओ अन्जानी ई ई ई वो वो वो वो

वो वो वो वो

ये कैसा नशा है मुझपे खुदा
क्यों तू ही दिखे हर जगह
फिर खुद से जुड़ा एक अरसा हुआ
खुदी में न मेरे निशान
तू आगाज़ है रात की
या सुबह की तू है रौशनी
शामो सी क्यूँ है बता
तू आधी अधूरी रही
ओ अन्जानी ई ई ई ओ अन्जानी ई ई ई
ओ अन्जानी

आँखों में था चेहरा तेरा
जाने न कब से बसा
दिल को करे क्यों गुमराह
ये क्या साज़िशें हैं भला
तू आगाज़ है रात की
सुबह की तू है रौशनी
शामो सी क्यूँ है बता
तू आधी अधूरी रही
ओ अन्जानी ई ई ई ओ अन्जानी ई ई ई
ओ अन्जानी
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तू आगाज़ है रात की
या सुबह की तू है रौशनी

आँखों में था चेहरा तेरा
जाने न कब से बसा
दिल को करे क्यों गुमराह
ये क्या साज़िशें हैं भला
तू आगाज़ है रात की
या सुबह की तू है रौशनी
शामो सी क्यूँ है बता
तू आधी अधूरी रही
ओ अन्जानी ई ई ई ओ अन्जानी ई ई ई वो वो वो वो

वो वो वो वो

ये कैसा नशा है मुझपे खुदा
क्यों तू ही दिखे हर जगह
फिर खुद से जुड़ा एक अरसा हुआ
खुदी में न मेरे निशान
तू आगाज़ है रात की
या सुबह की तू है रौशनी
शामो सी क्यूँ है बता
तू आधी अधूरी रही
ओ अन्जानी ई ई ई ओ अन्जानी ई ई ई
ओ अन्जानी

आँखों में था चेहरा तेरा
जाने न कब से बसा
दिल को करे क्यों गुमराह
ये क्या साज़िशें हैं भला
तू आगाज़ है रात की
सुबह की तू है रौशनी
शामो सी क्यूँ है बता
तू आधी अधूरी रही
ओ अन्जानी ई ई ई ओ अन्जानी ई ई ई
ओ अन्जानी
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Writer: Pratyush Prakash
Copyright: Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC

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Sudeep - Anjaani 2015 Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Sudeep
Length: 3:16
Written by: Pratyush Prakash

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