मज़ा ना आये जो हो, गुफ्तगूं हिजाबों से
मज़ा ना आये
मज़ा ना आये जो हो, गुफ्तगूं हिजाबों से
ये आरजू हैं की हो, बात अब निगाहों से
मज़ा ना आये जो हो, गुफ्तगूं हिजाबों से, मज़ा ना आये
सबब ना ढूंढ मुलाक़ात का मेरे हमदम
सबब ना ढूंढ मुलाक़ात का मेरे हमदम
ना ढूंढ प्यार का इजहार तू किताबों से
ना ढूंढ प्यार का इजहार तू किताबों से
ये आरजू हैं की हो, बात अब निगाहों से, मज़ा ना आये
खुदारा आइयें ताबीरें ज़िन्दगी बनकर
खुदारा आइये ताबीरे ज़िन्दगी बनकर
खुदारा आइये ताबीरे ज़िन्दगी बनकर
के जी बहलाता नहीं अब हसीन ख़्वाबों से
के जी बहलाता नहीं अब हसीन ज़्वाबों से
ये आरजू हैं की हो, बात अब निगाहों से, मज़ा ना आये
तुम्हारे चेहरे पे मासूमियत ये रानाई
तुम्हारे चेहरे पे मासूमियत ये रानाई
चुराके लाए हो क्या सुर्खियाँ गुलाबों से
चुराके लाए हो क्या सुर्खियाँ गुलाबों से
ये आरजू हैं की हो, बात अब निगाहों से
मज़ा ना आये जो हो, गुफ्तगूं हिजाबों से, मज़ा ना आये