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Sudeep Banerjee - Mere Mehboob Nazm Lyrics



Sudeep Banerjee - Mere Mehboob Nazm Lyrics
Official




मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
तेरी परवाज की हद का तो पता है मुझको
अर्श छूने की मेरी जान तमन्ना हैं तुझे
तू समझता हैं मोहब्बत को कफस की सूरत
या मोहब्बत को महज एक भ्रम मानता हैं
मेरे महबूब, मेरे महबूब
वो भी दिन थे की मोहब्बत ही थी मंजिल तेरी
सिर्फ मैं ही था तेरे वास्ते राहें मंजिल
तेरी मांगी हुई हर एक दुआ की तासीर
कौन हैं मेरे सिवा तेरी दरक्षान तक़दीर

बारहाँ सोचा हैं वो दौर कभी आयेगा
जब सुकूं पायेगा तूँ, आके मेरी बाँहों में
आज भी पलकें बिछाए हूँ तेरी राहों में
क्या तुझे मेरी मोहब्बत पे यकी हैं अब भी
मेरे महबूब, मेरे महबूब
हाँ मैं वाकिफ हूँ तेरे जहन की हर उलझन से
तू मुसाफ़िर हैं अभी तक उसी दो राहे का
फैसला करना भी आसान नहीं हैं हमदम
एक तरफ राहे वफ़ा, एक तरफ तेरा जुनून
तू नहीं जानता अब तक तेरी मंजिल क्या हैं
हासिलें जीस्त हैं क्या, इश्क का हासिल क्या हैं
मुझको बस इतना ही कहना हैं जरा गौर से सुन
प्यार की राह से होकर ही मिलेगी म॑जिल

मैं अजल से हूँ तेरे वास्ते ऐ जानेजाहाँ
मेरी धड़कन मेरी हर साँस पे तेरा हक हैं
चाहे तू मान की मत मान हकीकत हैं यही
मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
मेरे महबूब, मेरे महबूब, मेरे महबूब
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मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
तेरी परवाज की हद का तो पता है मुझको
अर्श छूने की मेरी जान तमन्ना हैं तुझे
तू समझता हैं मोहब्बत को कफस की सूरत
या मोहब्बत को महज एक भ्रम मानता हैं
मेरे महबूब, मेरे महबूब
वो भी दिन थे की मोहब्बत ही थी मंजिल तेरी
सिर्फ मैं ही था तेरे वास्ते राहें मंजिल
तेरी मांगी हुई हर एक दुआ की तासीर
कौन हैं मेरे सिवा तेरी दरक्षान तक़दीर

बारहाँ सोचा हैं वो दौर कभी आयेगा
जब सुकूं पायेगा तूँ, आके मेरी बाँहों में
आज भी पलकें बिछाए हूँ तेरी राहों में
क्या तुझे मेरी मोहब्बत पे यकी हैं अब भी
मेरे महबूब, मेरे महबूब
हाँ मैं वाकिफ हूँ तेरे जहन की हर उलझन से
तू मुसाफ़िर हैं अभी तक उसी दो राहे का
फैसला करना भी आसान नहीं हैं हमदम
एक तरफ राहे वफ़ा, एक तरफ तेरा जुनून
तू नहीं जानता अब तक तेरी मंजिल क्या हैं
हासिलें जीस्त हैं क्या, इश्क का हासिल क्या हैं
मुझको बस इतना ही कहना हैं जरा गौर से सुन
प्यार की राह से होकर ही मिलेगी म॑जिल

मैं अजल से हूँ तेरे वास्ते ऐ जानेजाहाँ
मेरी धड़कन मेरी हर साँस पे तेरा हक हैं
चाहे तू मान की मत मान हकीकत हैं यही
मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
मेरे महबूब तेरे प्यार पे मेरा हक हैं
मेरे महबूब, मेरे महबूब, मेरे महबूब
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Writer: AMEETA PARSURAM, SUDEEP BANERJEE
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Sudeep Banerjee - Mere Mehboob Nazm Video
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