देखो-देखो, कैसी बातें यहाँ की, हैं साथ पर हैं साथ ना भी
क्या इतनी आसान हैं?
देखो-देखो, जैसे मेरे इरादे, वैसे कहाँ तेरे यहाँ थे
हाँ, कितनी नादान मैं
मेरे हुस्न के इलावा कभी दिल भी माँग लो ना
हाय, पल में मैं पिघल जाऊँ, हाँ
अब ऐसा ना करो कि दिल जुड़ ना पाए वापिस
तेरी बातों से बिख़र जाऊँ, हाँ
माना, ज़माना है दीवाना, इसीलिए तूने ना जाना
तेरे लिए मैं काफ़ी हूँ
देखो-देखो, ये ज़माने से थक कर, आते हो क्यूँ मासूम बन कर?
तेरे लिए मैं क्या ही हूँ?
फ़िर आते क्यूँ यहाँ करने आँखों में हो बारिश?
अब आए तो ठहर जाओ ना
और पूछो ना ज़रा मेरे दिन के बारे में भी
बस इतने में सँभल जाऊँ, हाँ
हाँ