Mar bhi gaya agar, marne ka gham nahin
Dekh zara mera hausla
Mujhko dara sake, tujh mein woh dum nahi
Sun le jahaan mera faisla
Ho
Jhuk Na Paunga Bhale Mit Jaunga
कुछ हाल था , वो जाना सा
कहते हुए जो ना बने
मिटटी मिटटी हुआ लावा सा
अब कांकेरेड पर पाँव जमे
सिर्फ 2 वक़्त मेरा दावा था
ये हाई स्पीड रफ़्तार थमे
रोशनी की थी वो 2 लहर
अंधियारों मै क्यों नाव चले
भागा - दौड़ी ठहरा हुआ
इस देह का चेहरा बना
आवेश मे बहता नशा
बस एक मे लग जा गले
दुरी बाटे मुझे इस क़दर
आँखे ताके तुझे बेसबर
गलियों की ले तू कुछ ख़बर
ओ शेहेर मेरे तू गाँव बना।