सफर ...
ले आया कितनी दूर हमे यहां
हमे यहां...
गिरते पड़ते सम्भलते चलते ,हैं हम पहुँचे अब यहां
फिर हुआ सबसे बड़ी हार का सामना
शिकस्त हुई हम न कर पाए मुकाबला
जो हार गए इस बाजी को
हम अभी
पर आंच न आने देंगे इस धरती पर
फिर कभी
क्योंकि।
ये धरती आशियाँ... है ये
बचाना है इसे... अब हमें
ये धरती आशियाँ ... है ये --है ये
बचाना आई इसे... अब हमें... अब हमें।।।
(ड्राप)
कहर... जो किस्मत हमपर यूँ बरसा गया
यूँ बरसा गया
क्यों हार गए हम... जब थामा था नेकी का रास्ता
नेकी का रास्ता
भले हार गए हम पर ये हौसला टुटा है नही
इस अंतिम जंग को जीतने हम करेंगे वापसी
जीतेंगे हम सभी हमने है ठान लिया
फिर चाहे देनी पड़ जाए अपनी... कुर्बानियान...
ये धरती आशियाँ... है ये , है ये
बचाना है इसे... अब हमें , अब हमें। ।।।।।