[ Featuring Vanishree Sahu, Wroc ]
हम्म हम्म गली से घरपे सूना लगता तू ना है तो
अभी तो बैठे देखु बस मे तेरी फोटो
और आती बस ना नींद अब मे देखु थकती ना आँखें
दिन है बीते बिस्तर पे जो लेतू क्या है की
गली से घरपे सूना लगता तू ना है तो
अभी तो बैठे देखु बस मे तेरी फोटो
और आती बस ना नींद अब मे देखु थकती ना आँखें
दिन है बीते बिस्तर पे जो लेटू क्या है की मे सोचे बैठा
ये ना मे हू, ये क्यू हुआ है, मे कब ग़लत था जो तू खफा है
तुझे पता ये सब शुरू से तुझमे चुप रहा है
तू ना मानेगा ख़ता किए जो सब बुरा है
हा बेशक़ मे झुक ना पाता इसमे क्या गुनाह है
सुभे तक तुझे मनाया फिर भी सब भुला के
ये सब ना जानू मे तू खमखा भटक चला है
ना मे खफा हू ना ये ज़िंदगी मे कुछ बचा है
गली से घरपे सूना लगता तू ना है तो
अभी तो बैठे देखु बस मे तेरी फोटो
और आती बस ना नींद अब मे देखु थकती ना आँखें
दिन है बीते बिस्तर पे जो लेटू क्या है की
गली से घरपे सूना लगता तू ना है तो
अभी तो बैठे देखु बस मे तेरी फोटो
और आती बस ना नींद अब मे देखु थकती ना आँखें
दिन है बीते बिस्तर पे जो लेटू क्या है की मे सोचे बैठा