[ Featuring Jannat Zubair, Faisu ]
तुम आओ तो सही, मिलते रहो यूँ ही
तो शायद मेरी ये, सांस भी चले
ये लब जो खुले, नाम तेरा ही ले
जो तू हो हम कदम, तो मंज़िलें मिले
टूटे बिखरे लफ्ज़ो में जो मैंने है कहा
सीधा साधा मतलब है ये होजा तू मेरा
आधी आधी बांटे आजा ज़िंदगी ज़रा
वल्लाह
तू ही लेहजा इश्क़ जैसा
तू जुबां में मेरे
तू ही उजला सा सवेरा
तू अज़ान में मेरे
तू ही लेहजा इश्क़ जैसा
तू जुबां में मेरे
तू ही उजला सा सवेरा
तू अज़ान में मेरे
नि नि सा सा रे सा नि सा नि ध म प
नि नि सा सा रे सा नि सा नि ध म ह प प रे सा
बचपना है इश्क़ में अभी
रख मुझे ज़रा संभाल के
मुस्कुराके तूने बात की
रख दिया है दिल निकाल के
टूटे बिखरे लफ्ज़ो में जो मैंने है कहा
सीधा साधा मतलब है ये होजा तू मेरा
आधी आधी बांटे आजा ज़िंदगी ज़रा
वल्लाह
तू ही लेहजा इश्क़ जैसा
तू जुबां में मेरे
तू ही उजला सा सवेरा
तू अज़ान में मेरे
तू ही लेहजा इश्क़ जैसा
तू जुबां में मेरे
तू ही उजला सा सवेरा
तू अज़ान में मेरे
तू ही लेहजा इश्क़ जैसा (मेरे)
तू जुबां में मेरे
तू ही उजला सा सवेरा (मे)
तू अज़ान में मेरे (रे)
तू ही लेहजा इश्क़ जैसा (मेरे)
तू जुबां में मेरे
तू ही उजला सा सवेरा
तू अज़ान में मेरे