खिली खिली सी धूप में तुम गुनगुनाओ ना
चाय की प्याली खिड़की पे रखी है, तुम भुलाओ ना
दिल जो मिलते यहाँ
हो भी जाते जुदा
पास आने की गुज़ारिशों में
उनमे बसे हो तुम
जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले
जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले
चुपके चुपके, सबसे चुपके तुम चले आओ ना
जी लो दो पल, किसको पता कल फिर आ पाए ना
हा दिल जो मिलते यहाँ
हो भी जाते जुदा
पास आने की गुज़ारिशों में
उनमे बसे हो तुम
जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले
जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले
हो ओ ओ हो जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले
हो ओ ओ हो जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले हो ओ ओ
दिल की नही, मीलों की दूरी
पास हम नही, क्या है मजबूरी
दिल की नही, मीलों की दूरी
पास हम नही, क्या है मजबूरी
दिल जो मिलते यहाँ
हो भी जाते जुड़ा
ओ ओ पास आने की गुज़ारिशों में
उनमे बसे हो तुम
जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले हो ओ ओ हो
जब तुम मिले तो दिल ऐसे खिले हो ओ ओ