ना जाने कैसे मैं फस गया
इन सारी बातों में उलाज गया
इस से बच के मैं कैसे निकलु
तेरी help चाहिए मुझको
ना जाने मैं ऐसे क्यूँ आ गया
पूरी दुनिया से टकरा गया
पर इसका कोई मतलब ना मिला
क्यूंकी तुम तो हो वहा
कब तक मुझसे सहा जाए
कब तक यहाँ मैं रुकु
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
मेरे साथ तोड़ा वक्त तो बिता
मुझसे बात ज़रा करले मेरी जान
तेरे ही लिए मैं यहाँ पर रुकु
पर तुझको कैसे मैं कहु
दिन भर तो तुझसे रहता हू मैं अलग
दिन भर मरता हू कब मिलेगी बेफिकर
पर तेरे friends से ही बातें तू करे
अब किससे मैं क्या कहु
कब तक मुझसे सहा जाए
कब तक यहाँ मैं रुकु
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
कब तक मुझसे सहा जाए
कब तक यहाँ मैं रुकु
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू
वो, वो, वो, इंतेज़ार करू