ऐसी हुई हैं प्रेम की वर्षा
ऐसी हुई हैं प्रेम की वर्षा
तन मन तेरे तन मन मेरे
अंतर घाट तक धूल से गये है
सपनो के सागर में जैसे
तन मन तेरे तन मन मेरे
डूब गये है धूल से गये हैं
ऐसी हुई हैं प्रेम की वर्षा
पल्को पर जलतें है दिए से
हो हो पल्को पर जलतें है दिए से
नैनो में तेरी प्रीत सजी हैं
पल्को पर जलतें है दिए से
नैनो में तेरी प्रीत सजी हैं
फूल से हल्का तन हैं मेरा
जनमो की जो प्यास बुझी हैं
टूट गये हैं सारे बंधन
टूट गये हैं सारे बंधन
तन मन तेरे तन मन मेरे
यूँ लगता हैं खुल से गये हैं
ऐसी हुई हैं प्रेम की वर्षा
चाँद नगर तक जो ले जाए
हन हा चाँद नगर तक जो ले जाए
प्रेम ही तो वो पगडंडी हैं
चाँद नगर तक जो ले जाए
प्रेम ही तो वो पगडंडी हैं
मैं यूँ तेरे संग चली तो
लाज़ भी पीछे छूट गयी हैं
लाज़ नदी पर प्रीत का पुल हैं
लाज़ नदी पर प्रीत का पुल हैं
तन मन तेरे तन मन मेरे
नदिया पार इस पुल से गये हैं