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Amit AB - Man Re Tu Kahe Na Dheer Dhare Lyrics



Amit AB - Man Re Tu Kahe Na Dheer Dhare Lyrics
Official




मन्न रे तू काहे ना धीर धरे
ओ निर्मोही मोह ना जाने जिनका मोह करे
मन्न रे तू काहे ना धीर धरे

इस जीवन की चढ़ती ढलती
धुप को किस ने बाँधा
रंग पे किसने पहरे डाले
रूप को किसने बाँधा
कहे यह जातां करे
मन्न रे तू काहे ना धीर धरे

उतना ही उपकार समझ कोई
जितना साथ निभा दे
जनम मरण का मेल है सपना
यह सपना बिसरा दे
कोई न संग मरे
मन्न रे तू कहे ना धीर धरे
ओ निर्मोही मोह ना जाने जिनका मोह करे
हो मन्न रे तू कहे ना धीर धरे
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मन्न रे तू काहे ना धीर धरे
ओ निर्मोही मोह ना जाने जिनका मोह करे
मन्न रे तू काहे ना धीर धरे

इस जीवन की चढ़ती ढलती
धुप को किस ने बाँधा
रंग पे किसने पहरे डाले
रूप को किसने बाँधा
कहे यह जातां करे
मन्न रे तू काहे ना धीर धरे

उतना ही उपकार समझ कोई
जितना साथ निभा दे
जनम मरण का मेल है सपना
यह सपना बिसरा दे
कोई न संग मरे
मन्न रे तू कहे ना धीर धरे
ओ निर्मोही मोह ना जाने जिनका मोह करे
हो मन्न रे तू कहे ना धीर धरे
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Writer: Roshan, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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