सावन की बूंदों में तेरा एहसास है,
हर बूँद में छुपा तेरा मीठा सा राज़ है।
जब बिजली चमके और बादल गरजे,
दिल में तेरी यादों का सैलाब बरसे।
ओ बारिश की रातों में, तेरा संग चाहूँ मैं,
ओ गीली गीली राहों में, तेरा हाथ थामूँ मैं।
गिरती इन बूंदों में तेरी प्यास ढूँढूँ,
तेरे प्यार की बरसात में खुद को भूलूँ।
तू पास हो जब, ये रुत जवां लगे,
तेरी हँसी में जैसे कोई नगमा सा बजे।
जब तू छूता है, यूँ लगता है जैसे,
आसमान से बिजलियाँ कड़कती हों वैसे।
ओ बारिश की रातों में, तेरा संग चाहूँ मैं,
ओ गीली गीली राहों में, तेरा हाथ थामूँ मैं।
गिरती इन बूंदों में तेरी प्यास ढूँढूँ,
तेरे प्यार की बरसात में खुद को भूलूँ।
तू जो पास हो, ये दुनिया थम जाए,
हर बूँद में तेरा नाम लिखा सा आए।
तेरे साथ भीगते-भीगते, हो जाऊँ दीवाना,
इस प्यार की बरसात में खो जाए ये फ़साना।
सावन की रात है, तू मेरे साथ है,
इस रिमझिम में, बस तेरा ही साथ है।
तू है बिजली, मैं हूँ बादल का गीत,
बारिश में खिलता है हमारा ये प्रीत।