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Anup Jalota - Mohabbat Ek Haqeeqat Hai Lyrics

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Anup Jalota - Mohabbat Ek Haqeeqat Hai Lyrics
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मोहब्बत एक हक़ीक़त है ये अफ़साना नही होता
मोहब्बत एक हक़ीक़त है ये अफ़साना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

हँसी जलवों का मरकज़ हैं जहाँ तुम सजदा करते हो
हँसी जलवों का मरकज़ हैं जहाँ तुम सजदा करते हो
वहाँ काबा नही होता के बुत खाना नही होता
वहाँ काबा नही होता के बुत खाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

करम हैं उन ख़यालो का जो दिल बहलाए रखते हैं
करम हैं उन ख़यालो का जो दिल बहलाए रखते हैं
भला किस के तसव्वुर में सनम खाना नही होता
भला किस के तसव्वुर में सनम खाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

जो एहले जर्फ होते हैं बकदरे जर्फ पीते हैं
जो एहले जर्फ होते हैं बकदरे जर्फ पीते हैं
छलक जाता हैं जो उनका पैमाना नही होता
छलक जाता हैं जो उनका पैमाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

नज़र का हुस्न भी सामिल हो पैमानो में ए रिंदो
नज़र का हुस्न भी सामिल हो पैमानो में ए रिंदो
जहाँ साक़ी नही होता वो मैखना नही होता
जहाँ साक़ी नही होता वो मैखना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

मोहब्बत की परसतिश के लिए एक रात काफ़ी है
मोहब्बत की परसतिश के लिए एक रात काफ़ी है
सुबह तक जिंदा रह जाए वो परवाना नही होता
सुबह तक जिंदा रह जाए वो परवाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

तसव्वुर को भी ए शादाब हम अपना समझते है
तसव्वुर को भी ए शादाब हम अपना समझते है
जो देता है तसल्ली दिल को बेगाना नही होता
जो देता है तसल्ली दिल को बेगाना नही होता
मोहब्बत एक हक़ीक़त है ये फसाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता
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मोहब्बत एक हक़ीक़त है ये अफ़साना नही होता
मोहब्बत एक हक़ीक़त है ये अफ़साना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

हँसी जलवों का मरकज़ हैं जहाँ तुम सजदा करते हो
हँसी जलवों का मरकज़ हैं जहाँ तुम सजदा करते हो
वहाँ काबा नही होता के बुत खाना नही होता
वहाँ काबा नही होता के बुत खाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

करम हैं उन ख़यालो का जो दिल बहलाए रखते हैं
करम हैं उन ख़यालो का जो दिल बहलाए रखते हैं
भला किस के तसव्वुर में सनम खाना नही होता
भला किस के तसव्वुर में सनम खाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

जो एहले जर्फ होते हैं बकदरे जर्फ पीते हैं
जो एहले जर्फ होते हैं बकदरे जर्फ पीते हैं
छलक जाता हैं जो उनका पैमाना नही होता
छलक जाता हैं जो उनका पैमाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

नज़र का हुस्न भी सामिल हो पैमानो में ए रिंदो
नज़र का हुस्न भी सामिल हो पैमानो में ए रिंदो
जहाँ साक़ी नही होता वो मैखना नही होता
जहाँ साक़ी नही होता वो मैखना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

मोहब्बत की परसतिश के लिए एक रात काफ़ी है
मोहब्बत की परसतिश के लिए एक रात काफ़ी है
सुबह तक जिंदा रह जाए वो परवाना नही होता
सुबह तक जिंदा रह जाए वो परवाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता

तसव्वुर को भी ए शादाब हम अपना समझते है
तसव्वुर को भी ए शादाब हम अपना समझते है
जो देता है तसल्ली दिल को बेगाना नही होता
जो देता है तसल्ली दिल को बेगाना नही होता
मोहब्बत एक हक़ीक़त है ये फसाना नही होता
कभी अपनी खुशी से कोई दीवाना नही होता
[ Correct these Lyrics ]
Writer: CHRISTER CARLSSON, NICLAS OLAUSSON, ANDREAS ROMDHANE, N LUNDQVIST
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group, Sony/ATV Music Publishing LLC, Kobalt Music Publishing Ltd., Warner Chappell Music, Inc.
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