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Anuradha Paudwal - Kaliyug Ki Sita Lyrics



Anuradha Paudwal - Kaliyug Ki Sita Lyrics
Official




कलियुग की सीता की उलझन
मत पूछ मेरे मन बैरागी
जीवन भर का बनवास लिया हो
राम के घर को भी त्यागी
कलियुग की सीता की उलझन

हर कदम पे उसका हरण हुआ
हर मोड़ पे रावण को देखा
जब सैय्यम का धीरज टूटा
खुद लाँघ चलि लक्ष्मण रेखा
न रंग महल उसको भाया
वोह सारी खुशियाँ को तज भागी हाय
कलियुग की सीता की उलझन

नाकाम हुई बदनाम हुई
कल तक थी श्रद्धा की मूरत
दर दर भटकी मारी मारी
अस्वन में डूब गयी सूरत
काँटों पे आई नींद ज़रा
फूलों की बिस्तर पे जागी हाय
कलियुग की सीता की उलझन
मत पूछ मेरे मन बैरागी
जीवन भर का बनवास लिया
वो राम के घर को भी त्यागी
कलियुग की सीता की उलझन
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कलियुग की सीता की उलझन
मत पूछ मेरे मन बैरागी
जीवन भर का बनवास लिया हो
राम के घर को भी त्यागी
कलियुग की सीता की उलझन

हर कदम पे उसका हरण हुआ
हर मोड़ पे रावण को देखा
जब सैय्यम का धीरज टूटा
खुद लाँघ चलि लक्ष्मण रेखा
न रंग महल उसको भाया
वोह सारी खुशियाँ को तज भागी हाय
कलियुग की सीता की उलझन

नाकाम हुई बदनाम हुई
कल तक थी श्रद्धा की मूरत
दर दर भटकी मारी मारी
अस्वन में डूब गयी सूरत
काँटों पे आई नींद ज़रा
फूलों की बिस्तर पे जागी हाय
कलियुग की सीता की उलझन
मत पूछ मेरे मन बैरागी
जीवन भर का बनवास लिया
वो राम के घर को भी त्यागी
कलियुग की सीता की उलझन
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANU MALIK, SAMEER
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group




Anuradha Paudwal - Kaliyug Ki Sita Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Anuradha Paudwal
Length: 5:58
Written by: ANU MALIK, SAMEER

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