Back to Top

Jab Aaye Aise Pal Kabhi [Male] Video (MV)






Anwar - Jab Aaye Aise Pal Kabhi [Male] Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

जब आये ऐसे पल कभी
मायुशियों की हो घडी
जब आये ऐसे पल कभी
मायुशियों की हो घडी
लगने लगे यह बोझ सी
हमको हमारी ज़िन्दगी
मेरी आत्मा तू मुझे थामना(आ आ आ आ)
जब आये ऐसे पल कभी
मायुशियों की हो घडी
लगने लगे यह बोझ सी
हमको हमारी ज़िन्दगी
मेरी आत्मा तू मुझे थामना(आ आ आ आ)

कोई हमको देखे अगर दुश्मनी से
आ आ आ आ
जुदा हमको करने लगे रौशनी से
मगर प्यार की हम किरण लेके आये
अंधेरों में उसको उजाला दिखाए
उमीदो के फिर से दिए हम जलाये(आ आ आ आ)
सौगन्द प्यार की तुझे
हिम्मत ये आज दे मुझे
कितनी हो तेज आंधियां
मन का चराग न बुझे
मेरी आत्मा हैं यही प्राथना(आ आ आ आ)

भुला दो जो दिल में
तुम्हारे गिला हैं
आ आ आ आ
यहाँ नफरतो से
किसे क्या मिला हैं
जो मासूम दिल में
मचलते हैं सपना
उसे हो सके तो न मायुश करना
कभी देख लो मन
का दर्पण भी अपना
कभी देख लो मन
का दर्पण भी अपना
आ आ आ आ
इंसानियत की धर गयी
सच्चाई कैसे मर गयी
इंसानियत की धर गयी
सच्चाई कैसे मर गयी
इस युद्धपथ की आग तो
सारी फ़िज़ा में भर गयी
मेरी आत्मा तू मगर जागना(आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

जब आये ऐसे पल कभी
मायुशियों की हो घडी
जब आये ऐसे पल कभी
मायुशियों की हो घडी
लगने लगे यह बोझ सी
हमको हमारी ज़िन्दगी
मेरी आत्मा तू मुझे थामना(आ आ आ आ)
जब आये ऐसे पल कभी
मायुशियों की हो घडी
लगने लगे यह बोझ सी
हमको हमारी ज़िन्दगी
मेरी आत्मा तू मुझे थामना(आ आ आ आ)

कोई हमको देखे अगर दुश्मनी से
आ आ आ आ
जुदा हमको करने लगे रौशनी से
मगर प्यार की हम किरण लेके आये
अंधेरों में उसको उजाला दिखाए
उमीदो के फिर से दिए हम जलाये(आ आ आ आ)
सौगन्द प्यार की तुझे
हिम्मत ये आज दे मुझे
कितनी हो तेज आंधियां
मन का चराग न बुझे
मेरी आत्मा हैं यही प्राथना(आ आ आ आ)

भुला दो जो दिल में
तुम्हारे गिला हैं
आ आ आ आ
यहाँ नफरतो से
किसे क्या मिला हैं
जो मासूम दिल में
मचलते हैं सपना
उसे हो सके तो न मायुश करना
कभी देख लो मन
का दर्पण भी अपना
कभी देख लो मन
का दर्पण भी अपना
आ आ आ आ
इंसानियत की धर गयी
सच्चाई कैसे मर गयी
इंसानियत की धर गयी
सच्चाई कैसे मर गयी
इस युद्धपथ की आग तो
सारी फ़िज़ा में भर गयी
मेरी आत्मा तू मगर जागना(आ आ आ आ)
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: DILIP SEN, RAVI MALIK HARSH VARDAN KINNU
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Anwar

Tags:
No tags yet