Back to Top

Anweshaa - Sham Dhale Khidki Tale [Duet] Lyrics



Anweshaa - Sham Dhale Khidki Tale [Duet] Lyrics
Official




[ Featuring ]

शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
घड़ी घड़ी खिड़की में खड़ी
तुम तीर चलाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

रोज़ रोज़ तुम मेरी गली में
चक्कर क्यों हो काटते
अजी चक्कर क्यों हो काटते
सच्ची सच्ची बात कहूँ मैं
सच्चीसच्ची बात कहूँ मैं
अजी तुम्हारे वास्ते तुम्हारे वास्ते
जाओ जाओ होश में आओ
यूँ आना जाना छोड़ दो
यूँ आना जाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

मुझसे तुम्हें क्या मतलब है
ये बात ज़रा बतलाओ
मुझसे तुम्हें क्या मतलब है
ये बात ज़रा बतलाओ
चि बात फ़कत इतनी सी है
कि तुम मेरी हो जाओ
आओ आओ तुम मेरी हो जाओ
ऐसी बातें अपने दिल में
ऐ साहिब तुम लाना छोड़ दो
ऐ साहिब तुम लाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

चार महीने मेहनत की है
अजी रँग कभी तो लाएगी
जाओ जाओ जी यहाँ तुम्हारी
दाल कभी गलने न पाएगी
अजी दाल कभी गलने न पाएगी
दिलवालों मतवालों पर तुम
रौब जमाना छोड़ दो
रौब जमाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
घड़ी घड़ी खिड़की में खड़ी
तुम तीर चलाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

रोज़ रोज़ तुम मेरी गली में
चक्कर क्यों हो काटते
अजी चक्कर क्यों हो काटते
सच्ची सच्ची बात कहूँ मैं
सच्चीसच्ची बात कहूँ मैं
अजी तुम्हारे वास्ते तुम्हारे वास्ते
जाओ जाओ होश में आओ
यूँ आना जाना छोड़ दो
यूँ आना जाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

मुझसे तुम्हें क्या मतलब है
ये बात ज़रा बतलाओ
मुझसे तुम्हें क्या मतलब है
ये बात ज़रा बतलाओ
चि बात फ़कत इतनी सी है
कि तुम मेरी हो जाओ
आओ आओ तुम मेरी हो जाओ
ऐसी बातें अपने दिल में
ऐ साहिब तुम लाना छोड़ दो
ऐ साहिब तुम लाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

चार महीने मेहनत की है
अजी रँग कभी तो लाएगी
जाओ जाओ जी यहाँ तुम्हारी
दाल कभी गलने न पाएगी
अजी दाल कभी गलने न पाएगी
दिलवालों मतवालों पर तुम
रौब जमाना छोड़ दो
रौब जमाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Anweshaa



Anweshaa - Sham Dhale Khidki Tale [Duet] Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Anweshaa
Featuring:
Length: 4:03
Written by: CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN

Tags:
No tags yet