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Arijit Singh - Ghungroo [Original] Lyrics



Arijit Singh - Ghungroo [Original] Lyrics
Official




मेट द सन ईन द सॅण्ड ऍण्ड द सी इन द नाईट
ऍण्ड वी आर फीलिंग ओलराइट
येह, वी आर फीलिंग ओलराइट
क्यूँ लम्हें खराब करें?
आ ग़लती बेहिसाब करें
दो पल की जो नींद उड़ी
आ पूरे सारे ख़्वाब करें
क्या करने हैंं उम्रों के वादे?
ये जो रहते हैं, रहने दे आधे
दो बार नहीं, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी
सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
छोड़ के सारे शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
दिल लेना, दिल देना ज़रूरी नहीं है
इन बातों के सिवा भी बातें कई हैं
एक लम्हें से ज़्यादा की ख्वाहिश नहीं है
फिर चाहे दोबारा ना मिलना कहीं
मेरे सपने नहीं सीधे-साधे
है ग़लत फ़हमियाँ, तो मिटा दे
दो बार नही, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी
सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
छोड़ के सारे शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
इश्क़ है आज बस, कल करना भी नहीं
दिल में ठहरना तो है, पर उतरना भी नहीं
मिटना भी है कुछ देर के लिए
पूरी उम्र तुमपे मरना भी नहीं
क्या करने हैं उम्रों के वादे?
ये जो रहते हैं, रहने दे आधे
दो बार नहीं, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी
सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
छोड़ के सारे शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
टूट गए, के घुंगरू टूट गए
टूट गए, के घुंगरू टूट गए
[ Correct these Lyrics ]

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मेट द सन ईन द सॅण्ड ऍण्ड द सी इन द नाईट
ऍण्ड वी आर फीलिंग ओलराइट
येह, वी आर फीलिंग ओलराइट
क्यूँ लम्हें खराब करें?
आ ग़लती बेहिसाब करें
दो पल की जो नींद उड़ी
आ पूरे सारे ख़्वाब करें
क्या करने हैंं उम्रों के वादे?
ये जो रहते हैं, रहने दे आधे
दो बार नहीं, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी
सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
छोड़ के सारे शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
दिल लेना, दिल देना ज़रूरी नहीं है
इन बातों के सिवा भी बातें कई हैं
एक लम्हें से ज़्यादा की ख्वाहिश नहीं है
फिर चाहे दोबारा ना मिलना कहीं
मेरे सपने नहीं सीधे-साधे
है ग़लत फ़हमियाँ, तो मिटा दे
दो बार नही, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी
सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
छोड़ के सारे शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
इश्क़ है आज बस, कल करना भी नहीं
दिल में ठहरना तो है, पर उतरना भी नहीं
मिटना भी है कुछ देर के लिए
पूरी उम्र तुमपे मरना भी नहीं
क्या करने हैं उम्रों के वादे?
ये जो रहते हैं, रहने दे आधे
दो बार नहीं, एक बार सही
एक रात की कर ले तू यारी
सुबह तक मान के मेरी बात
तू ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
छोड़ के सारे शर्म और लाज
मैं ऐसे ज़ोर से नाची आज
के घुंगरू टूट गए, के घुंगरू टूट गए
टूट गए, के घुंगरू टूट गए
टूट गए, के घुंगरू टूट गए
[ Correct these Lyrics ]
Writer: RAKESH PAL, SHEKHAR RAVJIANI, VISHAL DADLANI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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