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Arijit Singh - Tu Hi Hai Aashiqui [Solo] Lyrics



Arijit Singh - Tu Hi Hai Aashiqui [Solo] Lyrics
Official




तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी तू इन्तेहा मेरी
तू ही मेरा जहाँ तू ही जुदा
तू मेरे रूबरू हर शे में तू ही तू
तू पेहली आरज़ु तू ही जुदा
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा

हर अर्सा जिकर तेरा छेडे
हर लम्हा दिल छलनी कर जाये
सजदे में मंटा नहीं पर
ज़िद्द आज है खुदा मिले जाये
तुझमे लिखा हूँ में
तुझसे जुड़ा हूँ में
तू मेरा रोग है तू ही दवा
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा

आधी है रहगुज़र आधा है आस्मां
आधी है मंज़िले आधा है जहां
तेरा हूँ जान ले रूह मुझसे बाँध ले
बाहों में थाम ले कर दे जिन्दा
हर शे में तू चप्पे चप्पे में तू
ख्वाहिश में तू किससे क़िस्से में तू
हर जिद्द में तू फ़िक्रों ज़िक्रो में तू

तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी तू इन्तेहा मेरी
तू ही मेरा जहां तू ही जुदा

सौंधी सी बाते है राहत से नाते है
रिश्ता सुकून से फिर है जुड़ा
फिर मीठी धूप है फिर तेरी छाँव है
अपनी हर सांस तुझपे दूँ लुटा
रग रग में तू ज़र्रे ज़र्रे में तू
नस नस में तू कतरे कतरे में तू
तुझमे हूँ मैं मुझमे बसी है तू

पूरी है रहगुज़र पूरा है आस्मां
पूरी है ज़िन्दगी पूरा है जहां
संग तेरे रास्ता सदियों का वास्ता
फिर से जीने की एक तू ही वजह
तुझमे लिखा हूँ मैं
तुझसे जुड़ा हूँ मैं
तू मेरा रोग है तू ही दवा
तू ही है आशिकी
तू ही आवारगी हम मौज
हम नशीं अब हूँ ज़िंदा
[ Correct these Lyrics ]

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तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी तू इन्तेहा मेरी
तू ही मेरा जहाँ तू ही जुदा
तू मेरे रूबरू हर शे में तू ही तू
तू पेहली आरज़ु तू ही जुदा
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा

हर अर्सा जिकर तेरा छेडे
हर लम्हा दिल छलनी कर जाये
सजदे में मंटा नहीं पर
ज़िद्द आज है खुदा मिले जाये
तुझमे लिखा हूँ में
तुझसे जुड़ा हूँ में
तू मेरा रोग है तू ही दवा
तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा

आधी है रहगुज़र आधा है आस्मां
आधी है मंज़िले आधा है जहां
तेरा हूँ जान ले रूह मुझसे बाँध ले
बाहों में थाम ले कर दे जिन्दा
हर शे में तू चप्पे चप्पे में तू
ख्वाहिश में तू किससे क़िस्से में तू
हर जिद्द में तू फ़िक्रों ज़िक्रो में तू

तू ही है आशिकी तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी तू इन्तेहा मेरी
तू ही मेरा जहां तू ही जुदा

सौंधी सी बाते है राहत से नाते है
रिश्ता सुकून से फिर है जुड़ा
फिर मीठी धूप है फिर तेरी छाँव है
अपनी हर सांस तुझपे दूँ लुटा
रग रग में तू ज़र्रे ज़र्रे में तू
नस नस में तू कतरे कतरे में तू
तुझमे हूँ मैं मुझमे बसी है तू

पूरी है रहगुज़र पूरा है आस्मां
पूरी है ज़िन्दगी पूरा है जहां
संग तेरे रास्ता सदियों का वास्ता
फिर से जीने की एक तू ही वजह
तुझमे लिखा हूँ मैं
तुझसे जुड़ा हूँ मैं
तू मेरा रोग है तू ही दवा
तू ही है आशिकी
तू ही आवारगी हम मौज
हम नशीं अब हूँ ज़िंदा
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ARIJIT SINGH
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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(Show video at the top of the page)


Performed By: Arijit Singh
Length: 4:57
Written by: ARIJIT SINGH

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