तेरे मेरे दरमियां हैं
बातें अनकही
तू वहाँ है मैं यहाँ क्यूँ
साथ हम नहीं
फैसले जो किये
फासले ही मिले
राहें जुदा क्यूँ हो गयी
ना तू ग़लत ना मैं सही
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे
ले जा मुझे
थोड़ी सी दूरियां हैं
थोड़ी मजबूरियां हैं
लेकिन है जानता मेरा दिल
हो इक दिन तो आएगा
अब तू लौट आयेगा तब
फिर मुस्कुराएगा मेरा दिल
सोचता हूँ यहीं
बैठे बैठे यूँही
राहें जुदा क्यूँ हो गयी
ना तू गलत ना मैं सही
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे
ले जा मुझे
सुन मेरे खुदा
बस इतनी सी मेरी दुआ
लौटा दे हमसफ़र मेरा
जाएगा कुछ नहीं तेरा
तेरे ही दर पे हूँ खड़ा
जाऊं तो जाऊं मैं कहाँ
तकदीर को बदल मेरी
मुझपे होगा करम तेरा