रब जाने ये मैं क्या जानू
कैसा है संसार
मिलके जुदा क्यों हो जाते हैं
दो प्रेमी हर बार
तेरे सिवा इनका ना कोई परवर्दीगार
अब ना बिच्छड़े ये, अब ना उजड़े ये
अल्लाह ऐसा कर, अब ना बिच्छड़े ये
हो प्यार है तेरा वरदान
भुला कैसे तेरा इंसान
हो प्यार है तेरा वरदान
भुला कैसे तेरा इंसान
कलयुग मे क्यों दिलवालो पे होते अत्याचार
अब तो सुन ले दिलवालो के दिल से उठी पुकार
हो तेरे सिवा इनका ना कोई परवर्दीगार
अब ना बिच्छड़े ये, अब ना उजड़े ये
अल्लाह ऐसा कर, अब ना बिच्छड़े ये
रब जाने ये मैं क्या जानू
कैसा है संसार
मिलके जुदा क्यों हो जाते हैं
दो प्रेमी हर बार
तेरे सिवा इनका ना कोई परवर्दीगार
अब ना बिच्छड़े ये, अब ना उजड़े ये
अल्लाह ऐसा कर, अब ना बिच्छड़े ये
अब ना बिच्छड़े ये, अब ना उजड़े ये
अल्लाह ऐसा कर, अब ना बिच्छड़े ये