आज मैं देखूँ जिधर जिधर
ना जाने क्यूँ उधर उधर
मुझे दो दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब
आज मैं देखूँ जिधर जिधर
ना जाने क्यूँ उधर उधर
मुझे दो दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब
मत छेड़ पवन मेरे गेसूँ,
अब और किसी की है ये खुशबू
मत छेड़ पवन मेरे गेसूँ
अब और किसी की है ये खुशबू
देखा है कभी तूने भी उसे
जो कर गया मुझपर जादू
आज मैं देखूँ जिधर जिधर
ना जाने क्यूँ उधर उधर
मुझे दो दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब
आज मैं देखूँ जिधर-जिधर
ना जाने क्यूँ उधर उधर
मुझे दो दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब
बदला बदला है जमाना
हर साँस है एक तराना
बदला बदला है जमाना
हर साँस है एक तराना
क्यूँ मुझको यकीं आता ही नहीं
ये सच है या ख्वाब सुहाना
आज मैं देखूँ जिधर जिधर
ना जाने क्यूँ उधर उधर
मुझे दो दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब
आँखों में कटेंगी ना रातें
अब होंगी किसी से बातें
आँखों में कटेंगी ना रातें
अब होंगी किसी से बातें
आएगा कोई लाएगा कोई
अब रंग भरी बरसातें
आज मैं देखूँ जिधर जिधर
ना जाने क्यूँ उधर उधर
मुझे दो दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब
आज मैं देखूँ जिधर-जिधर
ना जाने क्यूँ उधर-उधर
मुझे दो-दो चाँद नजर आयें
महताब दर महताब