हां हां हां
हां हां हां
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
तो क्या तू नही था पिया हाए मैं मरी गयी
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
तो क्या तू नही था पिया हाए मैं मरी गयी
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
हां हां हां
गरवा लग रहा हा वो रसिया
तुझसे क्या कहूँ कैसा
छीन झपट में हा रे बिल्कुल
वो निडर तेरे जैसा
देखो सजना रैन अंधेरी
देखो सजना रैन अंधेरी
कैसा ग़ज़ब हाए कर गयी हाए राम
बहिया धरके लिपटा
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
तो क्या तू नही था पिया हाए मैं मरी गयी
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
हां हां हां
तब से बलमा मेरे तन में
जैसे चमके बिजली
मैं बावरिया काहे सजके
तेरी धुन में निकली
घर से चलके मैं अकेली
घर से चलके मैं अकेली
कैसा ग़ज़ब हाए कर गयी हाए राम
बहिया धरके लिपटा
बहिया धरके लिपटा गली के अंधेरे में
तो क्या तू नही था पिया हाए मैं मरी गयी मरी गयी