चैन से हमको कभी
आपने जीने ना दिया
ज़हर भी चाहा अगर
पीना तो पिने ना दिया
चैन से हमको कभी
चाँद के रथ में
रात की दुल्हन
जब जब आएगी
याद हमारी आपके
दिल को तड़पा जाएगी
आपने जो है दिया
वो तो किसीने ना दिया
ज़हर भी चाहा अगर
पीना तो पिने ना दिया आ आ आ
चैन से हमको कभी
आपका गम जो इस दिल में
दिन रात अगर होगा
सोचके ये दम घुटता है
फिर कैसे गुज़र होगा
काश ना होती अपनी
जुदाई मौत ही आ जाती
कोई बहाने चैन
हमारी रूह तो पा जाती
इक पल हँसना कभी
दिल की लगी ने ना दिया
ज़हर भी चाहा अगर
पीना तो पिने ना दिया
चैन से हमको कभी