जो कल बनाया था आशियाना
वो आज गिर कर बिखर गया हैं
जो कल बनाया था आशियाना
अरे जमाने ये ज़ुल्म करके
बता भला तुझको क्या मिला हैं
जो कल बनाया था आशियाना
वो आज गिर कर बिखर गया हैं
जो कल बनाया था आशियाना
ना रात की झोलियो मे देखा
ना दिन के दामन मे चैन पाया
ना रात की झोलियो मे देखा
ना दिन के दामन मे चैन पाया
ना उनकी आँखो मे बस सके हम
ये ज़िंदगी हैं तो मौत क्या हैं
जो कल बनाया था आशियाना
वो आज गिर कर बिखर गया हैं
जो कल बनाया था आशियाना
अगर कोई हाल मेरा पुछे
गम-ए-मोहब्बत तू उनसे कहना
अगर कोई हाल मेरा पुछे
गम-ए-मोहब्बत तू उनसे कहना
की आँसू पहले से घट गये हैं
और दर्द पहले से बढ़ गया हैं
जो कल बनाया था आशियाना
वो आज गिर कर बिखर गये हैं
जो कल बनाया था आशियाना
अरे जमाने ये ज़ुल्म करके
बता भला तुझको क्या मिला हैं
जो कल बनाया था आशियाना