क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
कहीं मचल न जाऊँ, कहीं फिसल न जाऊँ
मचल न जाऊँ, फिसल न जाऊँ
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
एक मैं हूँ और बहारें बेशुमार
हो न जाये आज आँचल तार-तार
एक मैं हूँ और बहारें बेशुमार
हो न जाये आज आँचल तार-तार
धक से हो जाता है मेरा जी जो इतराता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
खिल गई हूँ अपनी सूरत देखकर
लग न जाये मुझको मेरी ही नज़र
खिल गई हूँ अपनी सूरत देखकर
लग न जाये मुझको मेरी ही नज़र
ये वो रुत है जिसमें अपने पर ख़ुद आ जाता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
ज़िन्दगी बेताब है मेरे लिये
प्यार रंगीं ख़्वाब है मेरे लिये
ज़िन्दगी बेताब है मेरे लिये
प्यार रंगीं ख़्वाब है मेरे लिये
सब बहक जाते हैं जाने क्यूँ, जो बहकाता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल
क्यूँ मुझे इतनी ख़ुशी दे दी, कि घबराता है दिल