[ Featuring Shabbir Kumar ]
औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ
औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ
आजा आजा साथी आजा आजा
आजा आजा साथी आजा आजा
मारा जिसको मोहब्बत ने मारा
मौत मारे उसे क्या दोबारा
हो मारा जिसको मोहब्बत ने मारा
मौत मारे उसे क्या दोबारा
प्यार खोके यहा जीना तो क्या
हमको मारना नहीं हैं गवारा
आजा आजा साथी आजा आजा
आजा आजा साथी आजा आजा
सदियो से ये प्यार की दुश्मन
पड़े है पीछे प्यार के
हम भी देंगे दिल की बाज़ी
जान की बाजी हार के
दीवारो में क़ैद ना हो
ना प्यार बांधेगे ज़ंजीर से
दीवाने दिल मिल जाते है
तूफ़ानो को चिर के
अपने सागर से मिलके रहेगी
कब से प्यासी ये गंगा की धारा
मारा जिसको मोहब्बत ने मारा
मौत मारे उसे क्या दोबारा
आजा आजा आजा आजा
आजा आजा साथी आजा आजा
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
कसम जो ली हैं प्यार की हमने
कसम वो कैसे तोड़ दू
मौत एक दर से कसिए तेरे
प्यार का दामन छोड़ दू
तू जो मेरे साथ तो मैं
वक़्त का रुख़ भी मोड़ दू
प्यार के जालिम हर दुश्मन का
मौत से रिस्ता जोड़ दू
जीना है तो साथ जियेंगे
मरना है तो साथ मरेंगे
मुझसे छिनएगा तुझसे कोई तो
फूँक दूँगा मैं संसार सारा
प्यार जुल्मो ने हारेगा कैसे
प्यार तो उस खुदा से ना हारा
मारा जिसको मोहब्बत ने मारा (मारा जिसको मोहब्बत ने मारा)
मौत मारे उसे क्या दोबारा (मौत मारे उसे क्या दोबारा)