[ Featuring Mohammed Rafi ]
मुझे गले से लगा लो
बहुत उदास हु मै
हमे जहा से छुड़ा लो
बहुत उदास हु मै
मुझे गले से लगा लो
नज़र में तीर से चुभते है
अब नज़रो से
मैं थक गयी हूँ
सभी टूटे सहरो से
अब और बोझ न डालो
बहुत उदास हु मै
मुझे गले से लगा लो
बहुत सही ग़म ए दुनिया
मगर उदास न हो
करीब है शब् ए ग़म
की सहर उदास न हो
बहुत सही ग़म ए दुनिया
सितम के हाथ की तलवार टूट जाएगी
ये ऊँच नीच की दीवार टूट जाएगी
तुझे कसम है मेरी
हमसफ़र उदास न हो
बहुत सही ग़म ए दुनिया
न जाने कब ये तरीका
ये तौर बदलेगा
सितम का ग़म का
मुसीबत का दौर बदलेगा
मुझे जहा से उठा लो
बहुत उदास