नज़रे झुकाए बैठे हो
नज़रे झुकाए बैठे हो
सलाम किस को दू
जो प्यार से मैं लाई हूँ
पैगाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
सलाम सलाम
सलाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
दिल मेरा लूट लेगी तेरी ये सादगी
दिल मेरा लूट लेगी तेरी ये सादगी
अच्छी नहीं हज़ूर ये
अपनो से बेरूख़ी
मेरे मिलन की शाम हैं
तेरे मिलन की शाम हैं
ये शाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
सलाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
सुलटा के आगे दम मारे
किसी में भी दम नहीं
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
सुलटा के आगे दम मारे
किसी में भी दम नहीं
लेकिन ये रामकली भी तो
किसी से कम नहीं
तुझको ना दू तो नज़रो का
तुझको ना दू तो नज़रो का
ये जाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
सलाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
इक बात पूछती हूँ
बड़े अहतरम से
इक बात पूछती हूँ
बड़े अहतरम से
इल्ज़ाम मुझ पे आए
गा जो तेरे नाम से
जो तुम नहीं हो मेरे
जो तुम नहीं हो मेरे तो
इल्ज़ाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
सलाम किस को दू
जो प्यार से मैं लाई हूँ
पैगाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो
सलाम सलाम
सलाम किस को दू
नज़रे झुकाए बैठे हो