पास ना होए जिनके रोटी
दिन बड़े उनके राते छोटी
नींद कहाँ से आए
हाए नींद कहाँ से आए
हो पास ना होए जिनके रोटी
रातों दूर चन्दा की थाली
लेकिन वो भी तो है खाली
रातों दूर चन्दा की थाली
लेकिन वो भी तो है खाली
दिन भी दुश्मन रात भी बैरन
भूख तुम्हारी कौन मिटाए
नींद कहाँ से आए
हाए नींद कहाँ से आए
हो पास ना होए जिनके रोटी
ख़ुशियाँ सबकी ग़म हैं अपने
भूखा पेट तो भूखे सपने
ख़ुशियाँ सबकी ग़म हैं अपने
भूखा पेट तो भूखे सपने
रोटी का छोटा सा टुकड़ा
सपने में भी नज़र ना आये
नींद कहाँ से आए
हो पास ना होए जिनके रोटी
दिन बड़े उनके राते छोटी
नींद कहाँ से आए
हो नींद कहाँ से आए
हो पास ना होए जिनके रोटी