रात अकेली है बुझ गए दिए
आके मेरे पास कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
तुम आज मेरे लिए रुक जाओ
रुत भी है फुरसत भी है
तुम्हे ना हो ना सही
मुझे तुमसे मोहब्बत है
तुम आज मेरे लिए रुक जाओ
रुत भी है फुरसत भी है
तुम्हे ना हो ना सही
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मोहब्बत की इजाज़त है
तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
सवाल बनी हुई दबी दबी उलझन सिनो में
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनो में
सवाल बनी हुई दबी दबी उलझन सिनो में
जवाब देना था तो डूबे हो पसीनो में
ठनी है दो हसीनों में
तो चुप क्यूँ रहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये
रात अकेली है
बुझ गए दिए
आके मेरे पास
कानो में मेरे
जो भी चाहे कहिये
जो भी चाहे कहिये