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Asha Bhosle - Raja Saheb Ghar Nahin Lyrics

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Asha Bhosle - Raja Saheb Ghar Nahin Lyrics
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बा अदब बा मुलाहेज़ा बा होसियार
नहीं नहीं बेअदब बे मुलाहिजा बे मुहर

राजा साहब घर नहीं
हमको किसी का डर नहीं
आज तो गर्दन ऊँची करके
कहेंगे हम सो बार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर

बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार

राजा साहब घर नहीं
हमको किसी का डर नहीं
आज तो गर्दन ऊँची करके
कहेंगे हम सो बार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर (बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर)
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार ओ

नाचेंगे और गाएँगे
चीखेंगे चिलायेंगे
मन मर्जी का पहनेंगे
मन मर्जी का खाएँगे
महल की ऊँची दीवारों
से दूर है पहरेदार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर (बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर)
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार
चुप गद्दार

आँखें झुकी झुकी हो क्यों
सांसे रुकी रुकी हो क्यों
राजा जी जब यहाँ नहीं
तो बाते हो बेतुकी क्यों
आज के दिन तो बंद करो
ये झूठ का कारोबार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर (बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर)
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार ओ

राजो और सुल्तानों का
किस्सा गए जमानो का
राजो और सुल्तानों का
किस्सा गए जमानो का
इंसानो के आगे क्यों
शीश झुके इंसानो का
ए संझा युग इन अर्जीरस्मों से है बेजर
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसिया ओ
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बा अदब बा मुलाहेज़ा बा होसियार
नहीं नहीं बेअदब बे मुलाहिजा बे मुहर

राजा साहब घर नहीं
हमको किसी का डर नहीं
आज तो गर्दन ऊँची करके
कहेंगे हम सो बार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर

बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार

राजा साहब घर नहीं
हमको किसी का डर नहीं
आज तो गर्दन ऊँची करके
कहेंगे हम सो बार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर (बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर)
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार ओ

नाचेंगे और गाएँगे
चीखेंगे चिलायेंगे
मन मर्जी का पहनेंगे
मन मर्जी का खाएँगे
महल की ऊँची दीवारों
से दूर है पहरेदार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर (बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर)
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार
चुप गद्दार

आँखें झुकी झुकी हो क्यों
सांसे रुकी रुकी हो क्यों
राजा जी जब यहाँ नहीं
तो बाते हो बेतुकी क्यों
आज के दिन तो बंद करो
ये झूठ का कारोबार
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर (बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर)
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसियार ओ

राजो और सुल्तानों का
किस्सा गए जमानो का
राजो और सुल्तानों का
किस्सा गए जमानो का
इंसानो के आगे क्यों
शीश झुके इंसानो का
ए संझा युग इन अर्जीरस्मों से है बेजर
बेअदब बे मुलाहिज़ा बे मुहर
बा आदद बा मुलाहेज़ा बा होसिया ओ
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Writer: RAVI, SAHIR LUDHIANVI
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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