साक़िया, साक़िया साक़िया आज मुझे नींद नही आएगी
नींद नही आएगी
साक़िया आज मुझे नींद नही आएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
आँखो-आँखो मे यूँ ही रात गुज़र जाएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
साक़िया आज मुझे नींद नही आएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
आँखो-आँखो मे यूँ ही रात गुज़र जाएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
आ आ साक़ि है और शाम भी, उलफत का जाम भी
हो तक़दीर है उसी की, जो ले इनसे काम भी
रंग-ए-महफ़िल है रात भर के लिए
रंग-ए-महफ़िल है रात भर के लिए
सोचना क्या अभी सहर के लिए
सोचना क्या अभी सहर के लिए
रंग-ए-महफ़िल है रात भर के लिए
सोचना क्या अभी सहर के लिए
तेरा जलवा हो तेरी सूरत हो
और क्या चाहिए नज़र के लिए
और क्या चाहिए नज़र के लिए
आज सूरत तेरी बेपर्दा नज़र आएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
साक़िया आज मुझे नींद नही आएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
ओ ओ मोहब्बत मे जो मिट जाता है वो कुछ कह नही सकता
हा ये वो कूचा है जिसमे दिल सलामत रह नही सकता
किसकी दुनिया यहाँ तबाह नही
किसकी दुनिया यहाँ तबाह नही
कौन है जिसके लब पे आ नही
कौन है जिसके लब पे आ नही
किसकी दुनिया यहाँ तबाह नही
कौन है जिसके लब पे आ नही
हुस्न पर दिल ज़रूर आएगा
इससे बचने की कोई राह नही
इससे बचने की कोई राह नही
ज़िंदगी आज नज़र मिलते ही लूट जाएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है हो हो हो
साक़िया आज मुझे नींद नही आएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है आ आ आ
आँखो-आँखो मे यूँ ही रात गुज़र जाएगी
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है
सुना है तेरी महफ़िल मे रत जगा है