तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी
तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी
मेरे सजना सुन तेरी
खता की नहीं है माफ़ी
तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी
तुझे जिन्दा कैसे
छोड़ू होगी ना इंसाफी
तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी
मै कौन हु ये जान ले
अच्छी तरह पहचान ले
पहले हाय
पहले कभी देखा तो है
ये कहदे इतना मान ले
जुल्फे भी है लहराई सी
आँखे भी है शरमाई सी
ये हुस्न और ये बाँकपन
उसपे कमर बलखाई सी
और फिर मर मिटने को
ये बाली उम्र है काफी
तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी
मेरे साजन सुन
तेरी खता की नहीं माफ़ी
तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी
ओ रा त के मेहमान आ दिल में
है क्या अरमान आ
जुबा हा
डूबा बात कर दुश्वार
की वो आज है आसन आ
तेरे गले लग जाऊंगी
काम अपना भी कर जाऊंगी
तस्कीन भी दूँगी तुझे
दिल भी तेरा तड़पाऊंगी
तेरे सितम का आज भी मेरे दिल पे
असर है बाकि
तुझे खंज़र से क्या मारू
एक नजर है काफी