तुलसी कुवरी बनी है दुल्हन
दूल्हा शाली ग्राम सखियो दो ताली
दो दो दो हो बहनो दो ताली
अरे नीले नीले नभ के मंडप के नीचे
धरती पे है धूम धाम सखियो दो ताली
तुलसी कुवरी बनी है दुल्हन
दूल्हा शाली ग्राम सखियो दो ताली
दो दो दो हो बहनो दो ताली
प्रभु की प्यारी ये तुलसी गोरी
हर दुल्हन से है न्यारी
हर दुल्हन से है न्यारी
हर साल होता है इसका लगन पर
रहती सदा ये कुवारी
अरे जहाँ जहाँ जिस जिस घर में है तुलसी
हो अरे जहाँ जहाँ जिस जिस घर में है तुलसी
वहाँ वहाँ है चारो धाम सखियो दो ताली
दो दो दो हो बहनो दो ताली
ये तुलसी है उतनी ही पावन
जितनी है नदियों में गंगा
जितनी है नदियों में गंगा
प्रेम और भक्ति का देखो मिलन अब
लोगो ये रंग बिरंगा
अरे जुगो जुगो जग जग जगमगाती रहे
हो अरे जुगो जुगो जग जग जगमगाती रहे
जोड़ी ये ललित ललाम सखियो दो ताली
दो दो दो हो बहनो दो ताली
तुलसी कुवरी बनी है दुल्हन
दूल्हा शाली ग्राम सखियो दो ताली
दो दो दो हो बहनो दो ताली