तुम न आये घटा ग़म की छाने लगी
रूठ कर चांदनी रात जाने लगी
तुम न आये घटा ग़म की छाने लगी
रूठ कर चांदनी रात जाने लगी
तुम न आये
रात जागी तो आँशु बरसने लगे
रात जागी तो आँशु बरसने लगे
हम तुम्हे देखने को तरसने लगे
और ठंडी हवा दिल जलाने लगी
रूठ कर चांदनी रात जाने लगी
तुम न आये
आरज़ू ओ के झूठे सहारे लिए
आरज़ू ओ के झूठे सहारे लिए
एक हम जागते है तुम्हारे लिए
हो ओ ओ ओ चाँद तारो को भी नींद आने लगी
रूठ कर चांदनी रात जाने लगी
तुम न आये
अब नजर क्या मिलाये नजरो से हम
अब नजर क्या मिलाये नजरो से हम
क्या कहे हाय जाती बहरो से हम
हो हर ख़ुशी हमसे आँखे चुराने लगी
रूठ कर चांदनी रात जाने लगी
तुम न आये घटा ग़म की छाने लगी
रूठ कर चांदनी रात जाने लगी
तुम न आये